Big relief to allottees of Chandigarh Housing Board
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चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के अलॉटियों को बड़ी राहत

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Big relief to allottees of Chandigarh Housing Board

प्रापर्टी बेचना चाहते हैं तो नजरांदाज कर दी जाएगी बिल्डिंग वॉयलेशन व मिसयूज

इस मामले में अगर कोई पैनेल्टी या कंपोजिट फीस इत्यादि लगती है तो उसका भुगतान खरीददार या प्रापर्टी ट्रांसफर होने वाले को ही करना होगा।

चंडीगढ़,/साजन शर्मा

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने अपने बिल्ट अप मकानों के मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है। इस राहत के अनुसार अगर मालिक ने अपनी प्रापर्टी बेची या ट्रांसफर की तो उसका खरीददार या जिसके नाम प्रापर्टी ट्रांसफर हो रही है, वही उसमें बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज को लेकर जिम्मेदार होगा। इस मामले में अगर कोई पैनेल्टी या कंपोजिट फीस इत्यादि लगती है तो उसका भुगतान खरीददार या प्रापर्टी ट्रांसफर होने वाले को ही करना होगा। कोर्ट के केस या ज्यूडीशियल प्रोसिडिंग का ठीकरा भी उसी के सिर फूटेगा। इसमें भी जो फैसला होगा, उसके अनुरूप प्रापर्टी खरीददार के खिलाफ कार्रवाई होगी।

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के बिल्ट अप मकानों में बिल्डिंग वॉयलेशन डी-लिंक कर दी गई है। यानि अब अगर किसी प्रापर्टी को ट्रांसफर करना हो या उसकी म्यूटेशन करानी हो तो उसमें जो बिल्डिंग वॉयलेशन है उसे प्रापर्टी बेचने के वक्त नजरांदाज कर दिया जाएगा। सीएचबी से जो एनओसी लेने की पहले शर्त रहती थी उसे समाप्त कर दिया गया है।

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की 8 मार्च 2022 को हुई 425वीं मीटिंग में एस्टेट ऑफिस की कार्रवाई का हवाला दिया गया जिसमें प्रापर्टी का ट्रांसफर बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज के बगैर किये जाने की अनुमति दी जा रही थी। मीटिंग में यह निर्णय हुआ कि एस्टेट ऑफिस में जो प्रक्रिया फॉलो की जा रही है वही प्रक्रिया चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में लागू होनी चाहिए। सीएचबी के बिल्ट अप यूनिट या बने हुए मकानों या फ्लैटों को ट्रांसफर करने में बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज को डी-लिंक कर दिया जाए और इसका ट्रांसफर कर दिया जाए। इससे सीएचबी प्रापर्टी के मालिकों को जबरदस्त राहत मिलेगी। इसके लिए मालिक को केवल ट्रांसफरर या सैलर या ट्रांसफरी या परचेजर से केवल एक हलफनामा लेना होगा कि बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज में वर्तमान बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज के बॉयलॉज के अनुसार अगर कोई पैनेल्टी या एक्शन होता है या कोर्ट में चल रहे केसों का कोई निर्णय आता है तो वह इसके लिए जिम्मेदार होगा।

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के चीफ एगजीक्यूटिव अफसर यशपाल गर्ग के अनुसार इस निर्णय अगर वर्तमान मालिक सीएचबी की अपनी प्रापर्टी को बेच देता है तो जिसको प्रापर्टी ट्रांसफर हुई है या खरीददार ही कोर्ट में चल रहे केसों में जिम्मेदार होगा। पिछला जो भी ड्यू या बकाया इस प्रापर्टी का बनेगा, उसका भुगतान उसे ही करना होगा। अगर बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज है तो उसे पैनेल्टी या चार्ज जमा कराने होंगे। उसी की जिममेदारी होगी कि वह बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज के मामले को हटाये या रेगुलराइज कराये। प्रापर्टी उसके नाम ट्रांसफर होने पर सभी पैंडिंग ज्यूडीशियल प्रोसिडिंग में भी उसे ही पहुंचना होगा और बिल्डिंग वॉयलेशन या मिसयूज में जो भी कंपोजीशन फीस या अन्य चार्ज लगेंगे उसका भुगतान भी करना होगा। प्रापर्टी का यह ट्रांसफर सेल, गिफ्ट या ट्रांसफर डीड हो सकता है। सीएचबी ने फ्री होल्ड प्रापर्टी के लिए बाकायदा इनडेमनिटी बॉंड व हलफनामे का फार्मेट भी जारी किया है जिसके अनुसार इसे सेल-परचेज के दौरान बनवाना होगा।